विलक्कु पूजा 2025: विधि, महत्त्व और लाभ

जानिए विलक्कु पूजा की विधि, उसका महत्त्व और लाभ। देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए शुक्रवार को करें यह दीप पूजा।

विलक्कु पूजा 2025: विधि, महत्त्व और लाभ

 

 विलक्कु पूजा: परिचय

विलक्कु पूजा में एक पारंपरिक दीपक (कुथु विलक्कु) को सजाकर, उसमें घी या तिल का तेल भरकर, दीपक जलाया जाता है। यह पूजा घर में या मंदिर में एकल या सामूहिक रूप से की जा सकती है। विशेष अवसरों पर, 108 या 1008 दीपकों के साथ सामूहिक पूजा का आयोजन भी होता है।


पूजा की विधि

1. पूर्व तैयारी

  • स्थान की शुद्धि: पूजा स्थल को साफ करें और वहाँ पर कोलम (रंगोली) बनाएं।
  • दीपक की सफाई: कांस्य या पीतल के दीपक को अच्छी तरह से साफ करें।
  • सामग्री एकत्रित करें: दीपक, घी या तिल का तेल, रुई की बाती, फूल, कुमकुम, चंदन, फल, नारियल, अगरबत्ती, कपूर, और नैवेद्य (जैसे पायसम या मीठा पोंगल)।

2. दीपक की स्थापना

  • दीपक की दिशा: दीपक को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके रखें।
  • दीपक की सजावट: दीपक पर चंदन और कुमकुम से आठ बिंदु लगाएं—एक शीर्ष पर, पाँच दीपक के मुखों पर, एक आधार पर, और एक दीपक के स्तंभ पर।
  • बाती की संख्या: एक, दो, तीन, चार या पाँच बातियों का उपयोग किया जा सकता है, प्रत्येक का विशेष महत्व होता है:
    • एक बाती: इच्छाओं की पूर्ति।
    • दो बाती: पारिवारिक सुख।
    • तीन बाती: संतान सुख।
    • चार बाती: धन वृद्धि।
    • पाँच बाती: सभी प्रकार के लाभ।

3. पूजा की प्रक्रिया

  • दीप प्रज्वलन: दीपक में तेल या घी भरकर बाती जलाएं।
  • मंत्रोच्चार: "ॐ महालक्ष्म्यै नमः" या अन्य देवी मंत्रों का जाप करें।
  • अर्चना: फूल, कुमकुम, चंदन अर्पित करें और 108 पोत्री (स्तुति) का पाठ करें।
  • नैवेद्य अर्पण: देवी को नैवेद्य अर्पित करें।
  • आरती: कपूर जलाकर देवी की आरती करें।
  • प्रदक्षिणा और नमस्कार: दीपक के चारों ओर तीन बार घूमकर नमस्कार करें।

पूजा के लाभ

लाभ

विवरण

धन और समृद्धि

देवी लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

पारिवारिक सुख

घर में शांति और सौहार्द बना रहता है।

संतान सुख

संतान प्राप्ति और उनके कल्याण के लिए लाभकारी।

आध्यात्मिक उन्नति

आत्मिक शुद्धि और मन की शांति प्राप्त होती है।

सकारात्मक ऊर्जा

घर में सकारात्मक ऊर्जा और दिव्यता का संचार होता है।

 

विलक्कु पूजा 2025 की तिथियाँ

विलक्कु पूजा मुख्यतः शुक्रवार को की जाती है, और 2025 में इसकी प्रमुख तिथियाँ निम्नलिखित हैं:

  • 4 अप्रैल 2025
  • 2 मई 2025
  • 6 जून 2025
  • 4 जुलाई 2025
  • 1 अगस्त 2025
  • 5 सितंबर 2025
  • 3 अक्टूबर 2025
  • 7 नवंबर 2025
  • 5 दिसंबर 2025

108 पोत्री (स्तुति)

विलक्कु पूजा के दौरान 108 पोत्री का पाठ किया जाता है, जिसमें देवी की विभिन्न रूपों में स्तुति की जाती है। यह पाठ श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाना चाहिए।

 

विलक्कु पूजा एक सरल और प्रभावशाली पूजा विधि है जो देवी लक्ष्मी और शक्ति की आराधना के माध्यम से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाती है। इस पूजा को नियमित रूप से करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

 डिस्क्लेमर (अस्वीकरण):
यह लेख केवल सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। इसमें दी गई विधियाँ और मान्यताएँ पारंपरिक स्रोतों से ली गई हैं, जिनका उद्देश्य केवल पाठकों को जानकारी देना है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विद्वान पंडित, आचार्य या अपने परिवार की परंपरा के अनुसार मार्गदर्शन अवश्य लें। लेखक और प्रकाशक इस जानकारी के व्यक्तिगत उपयोग से होने वाले किसी भी लाभ या हानि के लिए जिम्मेदार नहीं हैं

 

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