वैशाख महीने में किन-किन चीजों का करना चाहिए दान और जानिए इस माह का महत्व
वैशाख मास को हिंदू धर्म में पुण्यकारी महीना माना गया है। जानिए इस पावन महीने में किन वस्तुओं का दान करना शुभ होता है और वैशाख मास का आध्यात्मिक महत्व क्या है।

वैशाख महीने में किन-किन चीजों का करना चाहिए दान और जानिए इस माह का महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास (अप्रैल-मई) का महीना अत्यंत पुण्यदायक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है। यह महीना विशेष रूप से दान, स्नान और सत्कर्म के लिए जाना जाता है। कहा जाता है कि इस मास में किए गए दान और पूजा-पाठ से व्यक्ति को कई जन्मों का पुण्य प्राप्त होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
आइए जानते हैं कि वैशाख मास का धार्मिक महत्व क्या है और इस महीने में किन-किन चीजों का दान करना शुभ माना जाता है।
वैशाख मास का धार्मिक महत्व
1. धार्मिक ग्रंथों में वर्णन
पुराणों के अनुसार, स्कंद पुराण और पद्म पुराण में वैशाख मास को वर्ष का सबसे पवित्र महीना बताया गया है। इस मास में स्वयं भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है।
2. अक्षय पुण्य का अवसर
वैशाख महीने में स्नान, दान, जप, तप और व्रत का जो फल मिलता है, वह अक्षय (कभी नष्ट न होने वाला) होता है। विशेषकर सूर्य उदय से पहले गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी या तीर्थ में स्नान अत्यंत पुण्यकारी होता है।
3. अक्षय तृतीया इसी माह में आती है
अक्षय तृतीया वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती है और इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए पंचांग देखने की आवश्यकता नहीं होती।
वैशाख महीने में दान करने योग्य वस्तुएं
1. जल से भरे घड़े (कलश)
तांबे, पीतल या मिट्टी के घड़े में जल भरकर जरूरतमंदों या ब्राह्मणों को दान देना इस मास का सबसे श्रेष्ठ कार्य माना गया है। यह गर्मी से राहत देने के साथ-साथ आत्मिक शांति भी प्रदान करता है।
2. छाता और चप्पल
गर्मियों में सूर्य की तेज़ किरणों से बचने के लिए किसी को छाता दान करना अत्यंत पुण्यदायक होता है। साथ ही, गरीबों को चप्पल या जूते दान करना भी विशेष फलदायी माना जाता है।
3. पंखा (हस्त निर्मित या इलेक्ट्रिक)
पुराने समय में हाथ से झलने वाले पंखे (पलाश या खजूर के) दान किए जाते थे। आजकल इलेक्ट्रिक पंखा भी दान किया जा सकता है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहाँ गर्मी अधिक पड़ती है और संसाधनों की कमी है।
4. गुड़ और चना
गुड़ और चना पाचन के लिए लाभदायक हैं और गर्मी में शरीर को ठंडक पहुंचाते हैं। इनका दान करने से स्वास्थ्य लाभ के साथ आध्यात्मिक पुण्य भी मिलता है।
5. वस्त्र और फल
विशेषकर सफेद वस्त्र, रूमाल, गमछा, या हल्के कपड़े जरूरतमंदों को देना शुभ होता है। साथ ही तरबूज, खरबूजा, आम, खजूर जैसे फलों का दान भी विशेष फलदायक होता है।
6. शीतल पेय (शरबत, बेल का रस, छाछ)
गर्मी में शरीर को ठंडक देने वाले पेय पदार्थों का वितरण और दान करना वैशाख मास के पुण्य को और भी बढ़ाता है। यह समाज सेवा के साथ-साथ आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग है।
???? अन्य पुण्य कर्म जो वैशाख मास में किए जा सकते हैं
- भगवत गीता का पाठ
- विष्णु सहस्रनाम का जाप
- गाय को हरा चारा या गुड़ खिलाना
- पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना और दीपक जलाना
- सूर्य देव को अर्घ्य देना
इन सभी कर्मों से मन को शांति मिलती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
वैशाख मास केवल एक कैलेंडर महीना नहीं है, बल्कि यह आत्मिक जागरण और पुण्य संचय का अवसर है। यह महीना हमें सिखाता है कि जीवन में दान, सेवा और संतोष ही सच्चा धर्म है। यदि आप भी इस महीने कुछ शुभ करना चाहते हैं, तो ऊपर बताए गए दानों में से किसी एक को अपनाएं और जरूरतमंदों की मदद करें।
ध्यान रहे – किया गया सच्चे मन से छोटा सा दान भी बड़ा फल देता है।
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