Tulsi Mala Ke Niyam: कब और कैसे पहनें तुलसी माला? जानिए नियम और आध्यात्मिक लाभ

जानिए तुलसी माला पहनने के सही नियम, कब पहननी चाहिए, किसे पहननी चाहिए, और इससे मिलने वाले अद्भुत आध्यात्मिक व स्वास्थ्य लाभ।

Tulsi Mala Ke Niyam: कब और कैसे पहनें तुलसी माला? जानिए नियम और आध्यात्मिक लाभ

 

Tulsi Mala Ke Niyam: कब और कैसे पहनें तुलसी माला? जानिए नियम और आध्यात्मिक लाभ

भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में तुलसी (Tulsi) को देवी स्वरूप माना गया है। तुलसी का पौधा जितना पवित्र है, उतनी ही दिव्य होती है इससे बनी हुई तुलसी माला। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी माला न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि यह शरीर, मन और आत्मा को भी शुद्ध करती है।

आइए जानते हैं — तुलसी माला को पहनने के सही नियम, इससे जुड़ी आस्थाएं और इसे पहनने से मिलने वाले चमत्कारी लाभ।


 तुलसी माला क्या है?

तुलसी माला, तुलसी के पौधे की लकड़ी से बनी होती है। इसे हरि माला’ या वैष्णव माला’ भी कहा जाता है। यह मुख्यतः भगवान विष्णु, कृष्ण और राम के भक्तों द्वारा धारण की जाती है।


 कब पहनें तुलसी माला? (Tulsi Mala Kab Pehne)

तुलसी माला पहनने के लिए विशेष दिन और मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए:

  • दिन: गुरुवार या एकादशी तिथि को तुलसी माला धारण करना शुभ माना जाता है।
  • समय: सूर्योदय से पूर्व स्नान कर, शुद्ध वस्त्र धारण कर माला पहननी चाहिए।
  • *मासिक संक्रांति, ग्रहण, अमावस्या आदि के दिन माला पहनने से बचें।

 तुलसी माला पहनने के नियम (Tulsi Mala Ke Niyam)

1.    शुद्धता का पालन करें:
तुलसी माला को पहनने से पहले शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध होना अनिवार्य है। स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।

2.    केवल सात्विक जीवन अपनाएं:
तुलसी माला पहनने के बाद मांस, मदिरा, लहसुन-प्याज आदि का सेवन न करें।

3.    गले या हाथ में पहनें:
तुलसी माला को गले में या दाहिने हाथ में बांध सकते हैं। महिलाएं इसे गले में ही पहनें।

4.    माला को भूमि पर न रखें:
जब माला न पहन रहे हों, तो उसे स्वच्छ स्थान पर, कपड़े या थाली में रखें।

5.    प्रदूषित स्थानों पर न जाएं:
तुलसी माला पहनकर शौचालय, शवदाहगृह या किसी अपवित्र स्थान पर जाना वर्जित माना जाता है।

6.    गुरु से दीक्षा लेकर पहनें (यदि संभव हो):
कुछ परंपराओं में तुलसी माला गुरु से दीक्षा लेकर ही धारण की जाती है।

7.    सोते समय माला निकाल सकते हैं:
लेकिन इसे जमीन पर न रखें। किसी साफ स्थान पर रखें।

8.    दूसरे व्यक्ति की माला न पहनें:
तुलसी माला व्यक्तिगत होती है और इसे किसी और से अदला-बदली नहीं करना चाहिए।


 तुलसी माला के जाप के नियम (Tulsi Mala Japa Niyam)

1.    तुलसी माला से भगवान विष्णु, श्रीराम, श्रीकृष्ण या गायत्री मंत्र का जाप करें।

2.    जाप करते समय शांत स्थान चुनें और ध्यान की अवस्था में रहें।

3.    माला को मध्यमा और अंगूठे से घुमाएं, तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) का प्रयोग न करें।

4.    एक माला में 108 दाने होते हैं, जो पूर्णता का प्रतीक माने जाते हैं।


 तुलसी माला पहनने के आध्यात्मिक लाभ

1. मन की शांति और ध्यान में वृद्धि

तुलसी माला पहनने से मानसिक तनाव कम होता है और ध्यान की क्षमता बढ़ती है। यह मन को एकाग्र करता है।

 2. शरीर को रोगों से दूर रखे

तुलसी के आयुर्वेदिक गुणों के कारण यह माला पहनने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।

 3. नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा

तुलसी माला एक रक्षा कवच की तरह कार्य करती है, जो नकारात्मक शक्तियों से बचाव करती है।

 4. आध्यात्मिक उन्नति

सच्ची श्रद्धा से माला पहनने और मंत्र जाप करने से व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से उन्नत होता है और मोक्ष की ओर अग्रसर होता है।

 5. ग्रह दोषों से मुक्ति

तुलसी माला विशेष रूप से शनि दोष, राहु-केतु दोष और पितृ दोष के प्रभाव को कम करने में सहायक मानी जाती है।


 किसे पहननी चाहिए तुलसी माला?

  • विष्णु भक्तों के लिए यह अत्यंत शुभ है।
  • छात्र, आध्यात्मिक साधक, मानसिक तनाव से ग्रसित व्यक्ति
  • जो सत्संग, भजन, ध्यान या योग में संलग्न हैं, उन्हें यह माला अवश्य पहननी चाहिए।

 क्या तुलसी माला पहनने के बाद छोड़ सकते हैं?

यदि आपने पूर्ण श्रद्धा से तुलसी माला धारण की है और नियमित रूप से उसके नियमों का पालन कर रहे हैं, तो उसे अनावश्यक रूप से न उतारें। लेकिन यदि किसी कारणवश छोड़नी पड़े तो:

  • माला को गंगा जल से शुद्ध कर किसी पवित्र स्थान या तुलसी के पौधे के पास respectfully रखें।
  • उसका अपमान न करें।

 तुलसी माला से जुड़े रोचक तथ्य

1.    तुलसी माला को भगवान विष्णु की परम प्रिय वस्तु माना गया है।

2.    इसे पहनने से श्रीहरि की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

3.    तुलसी माला को पहनना भक्त को ईर्ष्या, मोह, क्रोध और वासना जैसे विकारों से बचाता है।

4.    श्रीमद्भागवत के अनुसार, तुलसी माला पहनने वाला व्यक्ति यमराज के भय से मुक्त हो जाता है।


 तुलसी माला – भक्ति और सुरक्षा का प्रतीक

तुलसी माला केवल एक धार्मिक वस्तु नहीं है, बल्कि यह एक जीवित आध्यात्मिक ऊर्जा है। इसके नियमों का पालन करते हुए अगर इसे श्रद्धा से धारण किया जाए तो यह जीवन को सकारात्मकता, शांति और सुरक्षा से भर देती है।

अगर आप जीवन में मानसिक शांति, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति की तलाश कर रहे हैं, तो तुलसी माला एक सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली माध्यम बन सकती है।

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