शिव आरती: ॐ जय शिव ओंकारा –महत्त्व, विधि और लाभ
पढ़िए शिव आरती "ॐ जय शिव ओंकारा" के संपूर्ण बोल, जानिए इसका धार्मिक महत्त्व, विधि और लाभ। महादेव की कृपा पाने के लिए आरती करें।

शिव आरती
ॐ जय शिव ओंकारा
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा।।
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।।
एकानन चतुर्भुज धारी, त्रिगुण रूप निरंजना।
अक्ष माला वनमाला, रुणझुन नूपुर बाजे।।
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।।
श्वेताम्बर पीताम्बर बागाम्बर अंगे।
सनकादिक, ब्रह्मादिक, भूतादिक संगे।।
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।।
कर मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धरे।
जटा मुकुट सिर शोभित, नागों का कुंडल धरे।।
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।।
शिवाय नमः शिवाय, हर हर हर महादेव।
शिवाय नमः शिवाय, हर हर हर महादेव।।
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।।
शिव आरती का महत्त्व (Importance of Shiv Aarti)
1. आध्यात्मिक शांति: यह आरती शिवजी की उपासना का श्रेष्ठ माध्यम है जो आत्मा को शांति प्रदान करती है।
2. पापों का नाश: "ॐ जय शिव ओंकारा" का जाप करने से पूर्व जन्मों के पाप भी क्षीण हो जाते हैं।
3. रोग और बाधा नाशक: महादेव की आरती करने से शारीरिक व मानसिक कष्ट दूर होते हैं।
4. कर्मों में उन्नति: आरती से श्रद्धा और समर्पण की भावना विकसित होती है, जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता लाती है।
5. ग्रह दोषों से मुक्ति: विशेषकर राहु-केतु या शनि की शांति के लिए शिव आराधना अत्यंत फलदायक मानी जाती है।
शिव आरती की विधि (Vidhi of Performing Aarti)
1. स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
2. शिवलिंग या महादेव की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
3. दूध, जल, बेलपत्र, भस्म, और सफेद फूल चढ़ाएं।
4. शिव पंचाक्षरी मंत्र "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें।
5. अब श्रद्धा भाव से ऊपर दी गई आरती गाएं।
6. आरती के अंत में शंख या घंटी बजाकर शिवजी की जयकार करें।
7. सभी परिवारजनों में प्रसाद वितरण करें।
शिव आरती करने के लाभ (Benefits)
- जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
- मन और बुद्धि शुद्ध होते हैं।
- परिवार में शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य बना रहता है।
- कालसर्प दोष, शनि की साढ़ेसाती जैसी समस्याएं कम होती हैं।
- मृत्यु भय और भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
शिव आरती "ॐ जय शिव ओंकारा" सिर्फ एक स्तुति नहीं, बल्कि महादेव से आत्मा का संवाद है। यह आरती भक्त को ईश्वर के अत्यंत निकट ले जाती है और जीवन को भक्ति, शांति और साधना से भर देती है।
Disclaimer (अस्वीकरण):
यह लेख केवल धार्मिक जानकारी और जनजागृति के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी विशेष पूजन विधि हेतु योग्य पुरोहित से परामर्श लेना उचित रहेगा।
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