राम नवमी 2025: जानिए इस दिन बन रहे शुभ योग और उनका महत्व
राम नवमी 2025 पर बन रहे शुभ योग जैसे सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग का महत्व जानें। पूजा, उपवास और दान का लाभ उठाएं। जय श्रीराम!

राम नवमी 2025: इस दिन बन रहे शुभ योग और उनका महत्व
राम नवमी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में चैत्र मास की शुक्ल नवमी को मनाया जाता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं, और राम जन्म का उत्सव मनाते हैं। लेकिन ज्योतिष के दृष्टिकोण से भी यह दिन अत्यंत खास होता है क्योंकि राम नवमी पर कई शुभ योग बनते हैं, जो इस दिन को और भी अधिक पवित्र और फलदायी बना देते हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि राम नवमी 2025 पर कौन-कौन से विशेष योग बन रहे हैं, इनका धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व क्या है, और इन योगों में कौन-कौन से कार्य करना शुभ रहता है।
राम नवमी 2025 की तिथि और समय
- तिथि: 6 अप्रैल 2025 (रविवार)
- नवमी तिथि आरंभ: 5 अप्रैल 2025 को शाम 07:25 बजे
- नवमी तिथि समाप्त: 6 अप्रैल 2025 को शाम 04:10 बजे
- राम जन्म का मध्यान्ह काल: 6 अप्रैल को दोपहर 12:01 से 01:37 बजे तक
राम नवमी पर बनने वाले प्रमुख योग
1. सर्वार्थ सिद्धि योग
राम नवमी 2025 पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, जो अत्यंत शुभ माना जाता है। इस योग में कोई भी नया कार्य प्रारंभ किया जाए तो वह सफल होता है। पूजा-पाठ, नया व्यापार, गृह प्रवेश, वाहन क्रय या निवेश जैसे कार्यों के लिए यह योग अत्यंत फलदायी होता है।
लाभ:
- नए कार्यों की शुरुआत के लिए आदर्श
- उपवास और पूजा का कई गुना फल प्राप्त होता है
- मानसिक शांति और पारिवारिक सुख बढ़ता है
2. अमृत सिद्धि योग
इस वर्ष राम नवमी पर अमृत सिद्धि योग भी बन रहा है। यह योग अत्यंत दुर्लभ और पुण्यदायी होता है। मान्यता है कि इस योग में भगवान की पूजा और दान-पुण्य करने से अक्षय फल प्राप्त होते हैं।
लाभ:
- आध्यात्मिक उन्नति
- सुख-समृद्धि में वृद्धि
- रोगों से मुक्ति
3. चंद्रमा की उच्च स्थिति (वृष राशि में)
राम नवमी के दिन चंद्रमा वृष राशि में रहेगा जो उसकी उच्च राशि मानी जाती है। इससे मन को स्थिरता और शांति प्राप्त होती है। चंद्रमा का शुभ प्रभाव राम नवमी के व्रत और पूजा में मन की एकाग्रता को और भी अधिक बढ़ाता है।
लाभ:
- ध्यान और साधना में सफलता
- पारिवारिक सौहार्द
- मानसिक तनाव से राहत
4. रवि पुष्य योग (संभावित संयोग)
यदि पुष्य नक्षत्र रविवार को आए, तो वह योग रवि पुष्य योग कहलाता है। यह योग यदि राम नवमी के दिन आ जाए तो वह अत्यंत शुभ और दुर्लभ माना जाता है। हालांकि हर वर्ष ऐसा संयोग नहीं बनता, 2025 में यह आंशिक रूप से बन सकता है।
लाभ:
- धन-संपत्ति में वृद्धि
- व्यापार में सफलता
- तांत्रिक साधनाओं में सिद्धि
इन योगों में क्या करें?
???? रामचरितमानस का पाठ करें
राम नवमी पर रामायण या रामचरितमानस का पाठ करना बहुत पुण्यकारी होता है। इन शुभ योगों में इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
???? तुलसी और श्रीराम के मंत्रों का जाप करें
"श्री राम जय राम जय जय राम" इस मंत्र का जाप मानसिक शांति, पारिवारिक सुख और आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है।
???? दान-पुण्य करें
इन शुभ योगों में किया गया दान, जैसे अन्न, वस्त्र, जल, फल आदि, जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है। गरीबों को भोजन कराना या मंदिर में सेवा करना बहुत पुण्यकारी होता है।
???? नए कार्यों की शुरुआत करें
यदि आप कोई नया व्यवसाय, निवेश, या जीवन का बड़ा निर्णय लेना चाह रहे हैं, तो राम नवमी का दिन शुभ योगों के कारण श्रेष्ठ समय है।
राम नवमी के साथ-साथ योगों का लाभ कैसे लें?
इन सभी शुभ योगों का लाभ तभी मिल सकता है जब आप सही भावना और श्रद्धा से भगवान श्रीराम की पूजा करें। घर में साफ-सफाई रखें, पूजा स्थल को सुसज्जित करें, दीपक जलाएं और श्रीराम-लक्ष्मण-सीता और हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र की विधिपूर्वक पूजा करें।
निष्कर्ष
राम नवमी का पर्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत विशेष होता है। 2025 की राम नवमी पर बन रहे सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और चंद्रमा की उच्च स्थिति जैसे संयोग इस दिन को और अधिक पवित्र बना रहे हैं। अगर आप इन शुभ योगों का लाभ लेना चाहते हैं, तो इस दिन पूजा, उपवास, जप और दान अवश्य करें।
जय श्रीराम!
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