गर्मियों में फास्टिंग के दौरान परेशान कर सकता है माइग्रेन, डॉक्टर से जानें बचाव के उपाय
गर्मियों में उपवास करते समय माइग्रेन की समस्या बढ़ सकती है। जानिए डॉक्टरों से माइग्रेन से निपटने के 7 आसान और असरदार उपाय।

गर्मियों में फास्टिंग के दौरान परेशान कर सकता है माइग्रेन, डॉक्टर से जानें इससे निपटने के टिप्स
गर्मियों में उपवास (फास्टिंग) रखने के अपने धार्मिक और स्वास्थ्यवर्धक लाभ तो हैं, लेकिन यह मौसम माइग्रेन से पीड़ित लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। गर्मी, पसीना, डिहाइड्रेशन और खाली पेट — ये सभी कारक माइग्रेन के ट्रिगर को बढ़ा सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि फास्टिंग करने से पहले आप अपने शरीर के संकेतों को समझें और डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए सुझावों को अपनाएं।
माइग्रेन क्या होता है?
माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है, जिसमें अक्सर एक ओर का सिरदर्द, मतली, उल्टी, लाइट और साउंड सेंसिटिविटी जैसी समस्याएं होती हैं। यह सामान्य सिरदर्द से ज्यादा तीव्र और लंबे समय तक चलने वाला होता है।
गर्मियों में क्यों बढ़ता है माइग्रेन का खतरा?
विशेषज्ञों के अनुसार, गर्मियों में निम्न कारणों से माइग्रेन के एपिसोड अधिक देखने को मिलते हैं:
- डिहाइड्रेशन: गर्मी में पसीने के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है, जो माइग्रेन को ट्रिगर करता है।
- तेज़ धूप और गर्मी: सूरज की तेज किरणें और लू शरीर पर अतिरिक्त दबाव डालती हैं।
- खाली पेट रहना: लंबे समय तक उपवास रखने से ब्लड शुगर लेवल गिरता है, जो माइग्रेन का एक बड़ा कारण है।
- नींद में बदलाव: फास्टिंग के कारण खाने-पीने और सोने-जागने का समय बदल जाता है, जो माइग्रेन को प्रभावित करता है।
डॉक्टर क्या सलाह देते हैं?
यहाँ जानिए डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए कुछ ज़रूरी टिप्स, जो गर्मियों में फास्टिंग के दौरान माइग्रेन से बचने में मदद कर सकते हैं:
1. उपवास से पहले करें हाइड्रेट
डिहाइड्रेशन माइग्रेन का सबसे बड़ा कारण है।
उपवास शुरू करने से पहले खूब पानी, नारियल पानी, छाछ और फलों के रस का सेवन करें।
कैफीन, कोल्ड ड्रिंक्स और बहुत मीठे पेयों से परहेज़ करें।
2. सही समय पर नींद लें
नींद की कमी भी माइग्रेन को ट्रिगर करती है।
फास्टिंग के दौरान नींद के पैटर्न को बिगड़ने न दें।
रोज़ाना कम से कम 6-7 घंटे की नींद जरूर लें।
3. हल्के और पौष्टिक भोजन से करें शुरुआत
सहरी (या सुबह का भोजन) करते समय भारी और तले-भुने खाने की बजाय हल्का, पोषणयुक्त आहार लें:
- ओट्स, फल, दही, सूखे मेवे
- धीमी रिहाई वाली एनर्जी फूड्स (जैसे दलिया, ब्राउन ब्रेड)
ये लंबे समय तक पेट भरा रखने में मदद करेंगे और ब्लड शुगर को स्थिर रखेंगे।
4. धूप में निकलने से बचें
जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या रहती है, उन्हें फास्टिंग के दौरान ज़रूरी है कि:
- दोपहर 12 से 4 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें
- अगर ज़रूरी हो तो टोपी, सनग्लासेस और छतरी का इस्तेमाल करें
5. रोज़ाना हल्का व्यायाम करें
तेज़ वर्कआउट माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है, लेकिन हल्का स्ट्रेचिंग या योग फायदेमंद हो सकता है:
- प्राणायाम, अनुलोम-विलोम
- गर्दन और कंधे की स्ट्रेचिंग
6. कैफीन से रहें सावधान
कुछ लोगों को कैफीन की कमी से माइग्रेन हो सकता है।
अगर आप रोज़ाना चाय या कॉफी लेते हैं और फास्टिंग में एकदम से छोड़ देते हैं, तो कैफीन विदड्रॉल भी माइग्रेन का कारण बन सकता है।
ऐसे में धीरे-धीरे मात्रा कम करें
या सहरी में हल्की चाय लें (डॉक्टर की सलाह से)
7. दवाइयों की सलाह जरूर लें
अगर आप माइग्रेन के मरीज हैं और नियमित दवा लेते हैं:
- उपवास शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से पूछें कि किस समय और कैसे दवा ली जाए
- कुछ दवाएं खाली पेट नहीं ली जा सकतीं
घरेलू उपाय जो मदद कर सकते हैं:
ठंडे पानी की पट्टी सिर पर रखें
लैवेंडर या पुदीना ऑयल की कुछ बूंदें सिर या गर्दन पर लगाएं
अंधेरे और शांत कमरे में थोड़ी देर आराम करें
नींबू पानी (बिना शक्कर) उपवास तोड़ते समय लें – शरीर को ताजगी मिलती है
उपवास के दौरान किन लक्षणों को न करें नजरअंदाज़?
अगर आप उपवास में इन लक्षणों का अनुभव करें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:
- बहुत तेज़ सिरदर्द, जो घंटों तक न जाए
- मतली या उल्टी
- चक्कर आना
- धुंधला दिखना या बोलने में कठिनाई
फास्टिंग में माइग्रेन से निपटने के 5 Quick Tips:
क्रम |
सुझाव |
लाभ |
1 |
खूब पानी पिएं |
डिहाइड्रेशन से बचाव |
2 |
ब्लड शुगर स्थिर रखें |
सिरदर्द से राहत |
3 |
धूप से बचें |
गर्मी से माइग्रेन ट्रिगर नहीं होगा |
4 |
हल्का व्यायाम करें |
तनाव कम होगा |
5 |
नींद पूरी लें |
मानसिक थकावट नहीं होगी |
निष्कर्ष:
गर्मियों में उपवास एक आध्यात्मिक अभ्यास तो है ही, लेकिन अगर आप माइग्रेन से जूझते हैं, तो यह एक संतुलन और समझदारी की मांग करता है। सही खानपान, भरपूर हाइड्रेशन, नींद और डॉक्टर की सलाह से आप अपने उपवास को सफलतापूर्वक और स्वस्थ रूप से पूरा कर सकते हैं।
याद रखें – स्वास्थ्य से बड़ा कोई व्रत नहीं।
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