तीन दिन लू का अलर्ट जारी, ताजमहल आए चार पर्यटक गर्मी से बेहोश

भारत के उत्तरी हिस्सों में लू का अलर्ट जारी किया गया है। तेज गर्मी के चलते ताजमहल घूमने आए चार पर्यटक बेहोश हो गए। जानें लू से कैसे बचें और क्या है प्रशासन की तैयारी।

तीन दिन लू का अलर्ट जारी, ताजमहल आए चार पर्यटक गर्मी से बेहोश

 

तीन दिन लू का अलर्ट, ताजमहल आए पर्यटक गर्मी से बेहोश — क्या आप तैयार हैं भीषण गर्मी से लड़ने के लिए?

उत्तर भारत में गर्मी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए लू चलने का अलर्ट जारी किया है। इसी बीच आगरा से एक चिंताजनक खबर सामने आई है — ताजमहल देखने आए चार पर्यटक तेज गर्मी के कारण बेहोश हो गए। यह घटना न सिर्फ स्वास्थ्य के लिहाज से, बल्कि पर्यटन और प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी गंभीर है।


क्या है मामला?

आगरा में इन दिनों तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच चुका है। सोमवार को ताजमहल के पास दोपहर के समय चार पर्यटक— दो विदेशी और दो देशी— अचानक बेहोश हो गए। मेडिकल टीम को तुरंत बुलाया गया और सभी को प्राथमिक चिकित्सा देकर नज़दीकी अस्पताल भेजा गया।


मौसम विभाग का अलर्ट

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार के कई हिस्सों में अगले तीन दिन तेज धूप और लू का असर रहेगा। खासकर दोपहर 12 से 4 बजे के बीच घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है।


लू क्या है और क्यों है खतरनाक?

लू एक प्रकार की गर्म, शुष्क हवा होती है जो शरीर का तापमान असंतुलित कर देती है। अगर समय रहते बचाव न किया जाए, तो हीट स्ट्रोक जैसी स्थिति बन सकती है जो जानलेवा भी हो सकती है।


ताजमहल जैसी जगहों पर खतरा ज्यादा क्यों?

  • खुले मैदान और संगमरमर की सतह से गर्मी ज्यादा महसूस होती है।
  • भीड़ और लंबा पैदल चलना शरीर को थका देता है।
  • विदेशी पर्यटक अक्सर भारतीय गर्मी के आदी नहीं होते।

कैसे बचें लू से?

  1. धूप में न निकलें, खासकर दोपहर में।
  2. ढीले, हल्के और सूती कपड़े पहनें।
  3. पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन बढ़ाएं।
  4. छाता, टोपी और सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
  5. गर्भवती महिलाएं, बच्चे और बुज़ुर्ग विशेष सावधानी बरतें।

पर्यटन स्थलों पर प्रशासन को भी जागना होगा

पर्यटन स्थलों पर:

  • पेयजल की सुविधा हो,
  • छांव की व्यवस्था हो,
  • मेडिकल सहायता नजदीक उपलब्ध हो।

इन बुनियादी सुविधाओं से इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।


निष्कर्ष

भारत में गर्मियों की शुरुआत ही इस कदर भयावह हो, तो आगे क्या होगा? यह सवाल सिर्फ मौसम का नहीं, हमारी तैयारियों का भी है। व्यक्तिगत सतर्कता के साथ-साथ प्रशासन और पर्यटन विभाग को मिलकर काम करने की जरूरत है।

 

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