होम लोन की EMI होगी कम: जानें 25, 30 और 50 लाख रुपये के कर्ज पर कितनी होगी बचत
RBI की नीति से होम लोन की ब्याज दरों में कमी आने की संभावना है। जानें 25, 30 और 50 लाख रुपये के लोन पर आपकी EMI में कितनी बचत हो सकती है और इसका क्या असर पड़ेगा।

होम लोन की ईएमआई होगी कम: 25, 30 और 50 लाख रुपये के कर्ज पर कितनी होगी बचत?
देश में बढ़ती महंगाई और आम आदमी की जेब पर बढ़ते बोझ के बीच जब भी किसी राहत की खबर आती है, तो लोगों के चेहरे पर मुस्कान लौट आती है। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में बदलाव नहीं करने की घोषणा के बाद बैंकों ने अपने होम लोन की ब्याज दरों में कटौती के संकेत दिए हैं। इसका सीधा फायदा उन लोगों को होगा जो पहले से होम लोन चुका रहे हैं या नया होम लोन लेने की योजना बना रहे हैं।
इस लेख में हम समझेंगे कि होम लोन की ईएमआई (EMI) कैसे कम होगी और 25 लाख, 30 लाख व 50 लाख रुपये के लोन पर आपको कितनी बचत हो सकती है।
रेपो रेट और होम लोन के बीच क्या संबंध है?
रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI देश के बैंकों को अल्पकालिक ऋण प्रदान करता है। जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो बैंकों की कर्ज लेने की लागत घट जाती है, जिससे वे अपने ग्राहकों को सस्ता लोन दे सकते हैं। चूंकि ज्यादातर होम लोन अब फ्लोटिंग रेट पर आधारित होते हैं, इसलिए रेपो रेट में बदलाव का सीधा असर आपकी ईएमआई पर पड़ता है।
होम लोन की ब्याज दरों में संभावित कटौती
RBI ने फिलहाल रेपो रेट को 6.50% पर स्थिर रखा है, लेकिन कर्जदाताओं की प्रतिस्पर्धा और बाजार की स्थिति को देखते हुए कई बैंक 0.25% (25 बेसिस प्वाइंट) तक की ब्याज दर में कटौती कर सकते हैं। यदि ऐसा होता है, तो आपकी EMI में सीधी कटौती होगी।
EMI में कितनी होगी बचत?
अब आइए समझते हैं कि यदि ब्याज दरों में 0.25% की कटौती होती है, तो विभिन्न लोन अमाउंट पर कितना असर पड़ेगा। मान लेते हैं कि लोन की अवधि 20 साल है।
25 लाख रुपये का होम लोन:
- वर्तमान ब्याज दर: 9.00%
- नई संभावित दर: 8.75%
- पुरानी EMI: ₹22,493
- नई EMI: ₹21,984
- मासिक बचत: ₹509
- 20 वर्षों में कुल बचत: ₹1,22,160
30 लाख रुपये का होम लोन:
- वर्तमान EMI: ₹26,991
- नई EMI (8.75% पर): ₹26,381
- मासिक बचत: ₹610
- 20 वर्षों में कुल बचत: ₹1,46,400
50 लाख रुपये का होम लोन:
- वर्तमान EMI: ₹44,985
- नई EMI: ₹43,307
- मासिक बचत: ₹1,678
- 20 वर्षों में कुल बचत: ₹4,02,720
इन आंकड़ों से साफ है कि ब्याज दर में मामूली कटौती भी आपकी जेब पर बड़ा असर डाल सकती है।
कैसे चेक करें कि आपके होम लोन पर नई दरें लागू होंगी या नहीं?
- फ्लोटिंग या फिक्स्ड रेट: यदि आपका होम लोन फ्लोटिंग रेट पर है और वह रेपो रेट से लिंक है, तो ही ब्याज दर में कटौती का फायदा मिलेगा।
- बैंक की नीति: कुछ बैंक समय-समय पर रेपो रेट के बदलावों को अपने तरीके से पास-ऑन करते हैं। इसके लिए आप बैंक की वेबसाइट या ब्रांच से संपर्क कर सकते हैं।
- रीसेट पीरियड: कई बैंकों में ब्याज दर हर 3 या 6 महीने में रीसेट होती है। इससे पता चलेगा कि आपके लोन पर नई दर कब लागू होगी।
यदि बैंक लाभ नहीं दे रहा तो क्या करें?
यदि आपका बैंक ब्याज दर कम नहीं कर रहा है तो आप नीचे दिए गए विकल्पों पर विचार कर सकते हैं:
- बैलेंस ट्रांसफर: आप दूसरे बैंक में कम ब्याज दर पर लोन ट्रांसफर कर सकते हैं।
- रीनेगोशिएशन: अपने बैंक से मौजूदा दर पर पुन: बातचीत करें।
- टॉप-अप लोन: यदि आपकी पुरानी ब्याज दर बहुत ज्यादा है, तो नया टॉप-अप लोन लेकर पुराने को चुकता किया जा सकता है।
नई होम लोन लेने वालों के लिए फायदे
जो लोग नया घर खरीदने की सोच रहे हैं, उनके लिए ये समय उपयुक्त हो सकता है। कम ब्याज दरों के कारण न केवल ईएमआई घटेगी बल्कि लोन की कुल लागत भी कम होगी। साथ ही कुछ डेवलपर्स इस समय डिस्काउंट, सब्सिडी या ऑफर भी दे रहे हैं।
टैक्स में भी मिलेगी राहत
होम लोन पर टैक्स में भी राहत मिलती है। धारा 80C के तहत सालाना ₹1.5 लाख तक की प्रिंसिपल राशि पर और धारा 24(b) के तहत ₹2 लाख तक की ब्याज राशि पर टैक्स में छूट मिलती है। यदि ब्याज दर घटती है, तो आपके टोटल आउटगो में कमी के साथ टैक्स में राहत भी मिल सकती है।
निष्कर्ष
ब्याज दरों में मामूली गिरावट भी आम आदमी की मासिक बचत को बढ़ा सकती है और लोन की कुल लागत को घटा सकती है। 25 लाख, 30 लाख और 50 लाख जैसे मध्यम से बड़े होम लोन पर इसका असर साफ नजर आता है। अगर आप पहले से लोन चुका रहे हैं तो EMI कम करने के लिए अपने बैंक से संपर्क करें, और अगर नया लोन लेना चाहते हैं तो यह समय फायदेमंद साबित हो सकता है।
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