हनुमान जन्मोत्सव पर करें ये एक काम, होगा सभी दुखों का नाश
जानिए हनुमान जयंती पर कौन-सा एक विशेष कार्य करने से आपके जीवन के सभी संकट दूर हो सकते हैं। सुंदरकांड पाठ का महत्व और पूजा विधि।

हनुमान जन्मोत्सव पर करें ये एक काम, होगा सभी दुखों का नाश
हर वर्ष चैत्र पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला हनुमान जन्मोत्सव भक्ति, शक्ति और समर्पण का प्रतीक है। यह दिन न केवल बजरंगबली के जन्म का उत्सव होता है, बल्कि उनके अनन्य भक्तों के लिए अपनी जीवन की समस्याओं को दूर करने का एक विशेष अवसर भी होता है।
हनुमान जी को संकटमोचन कहा गया है। वे भक्तों के सभी दुख हर लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस खास दिन यदि आप एक विशेष कार्य करें तो आपके जीवन के सभी संकट मिट सकते हैं?
आईए जानते हैं वो एक काम क्या है और कैसे इस जन्मोत्सव को और भी शुभ बनाया जा सकता है।
वो एक विशेष कार्य — सुंदरकांड का पाठ
हनुमान जन्मोत्सव पर सुंदरकांड का पाठ करना सबसे प्रभावशाली और फलदायक माना गया है।
सुंदरकांड तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस का वह भाग है, जिसमें हनुमान जी की वीरता, बुद्धिमत्ता और भक्ति का अद्भुत वर्णन मिलता है।
सुंदरकांड के पाठ से लाभ:
- मानसिक तनाव और चिंता का नाश
- नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा
- शत्रुओं पर विजय
- स्वास्थ्य और धन संबंधी समस्याओं में राहत
- मन में आत्मविश्वास और साहस की वृद्धि
सुंदरकांड का पाठ जितना श्रद्धा से किया जाए, उतना ही प्रभावशाली होता है।
अन्य शुभ कार्य जो हनुमान जयंती पर करें:
1. लाल सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें
हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल विशेष प्रिय है। यह अर्पित करने से रोगों का नाश होता है और आरोग्यता की प्राप्ति होती है।
2. हनुमान चालीसा का पाठ करें
हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव समाप्त होता है। विशेष रूप से हनुमान जयंती पर इसका पाठ सौ गुना फल देता है।
3. बजरंग बाण का पाठ करें
अगर आप किसी भय, बाधा या तंत्र-मंत्र से परेशान हैं तो बजरंग बाण अत्यंत प्रभावी होता है।
4. भक्तों को प्रसाद बांटें और सेवा करें
हनुमान जी सेवा में विश्वास रखते हैं। इस दिन जरूरतमंदों को भोजन कराना, फल या वस्त्र दान करना बहुत पुण्यदायक होता है।
हनुमान जी को क्या अर्पित करें?
- बेसन के लड्डू
- गुड़ और चने
- लाल फूल (गुलाब या गेंदा)
- तुलसी पत्र
- राम नाम की माला
हनुमान जयंती पर व्रत और ध्यान का महत्व
जो व्यक्ति इस दिन उपवास रखते हैं और हनुमान जी का ध्यान करते हैं, उनके जीवन से धीरे-धीरे कष्ट, आर्थिक परेशानियां और रोगों का नाश होता है। यह दिन आत्मशुद्धि और आत्मबल बढ़ाने का उत्तम अवसर है।
निष्कर्ष:
हनुमान जन्मोत्सव सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि भक्त और भगवान के रिश्ते का उत्सव है। इस दिन सुंदरकांड का पाठ करके आप अपने जीवन में एक नई ऊर्जा, आत्मबल और शुभता का संचार कर सकते हैं।
तो इस हनुमान जन्मोत्सव पर एक संकल्प लें — भक्ति के साथ सुंदरकांड का पाठ करें, सेवा भाव अपनाएं और प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त से आशीर्वाद प्राप्त करें।
जय बजरंगबली!
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