गणेश वंदना: विघ्नहर्ता गणपति की दिव्य स्तुति

गणेश वंदना एक पवित्र प्रार्थना है जो शुभ कार्यों की शुरुआत में की जाती है। यह ब्लॉग भगवान गणेश की वंदना, अर्थ, लाभ और विधि को विस्तार से प्रस्तुत करता है।

गणेश वंदना: विघ्नहर्ता गणपति की दिव्य स्तुति

 

 गणेश वंदना: शुभ कार्यों की शुरुआत का मंत्र

श्री गणेशाय नमः।
भारतीय संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश के स्मरण से होती है। वे विघ्नहर्ता, बुद्धिदाता और संकटमोचन हैं। उनकी वंदना न केवल आध्यात्मिक बल देती है, बल्कि मानसिक शांति और ऊर्जा का संचार भी करती है।


 गणेश वंदना का पाठ

1.

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

भावार्थ:
हे भगवान गणेश! जिनकी सूंड वक्र है, शरीर विशाल है, और तेज करोड़ों सूर्यों के समान है — कृपया मेरे सभी कार्यों को बिना विघ्न के संपन्न करें।


2.

गजाननं भूतगणादि सेवितं
कपित्थ-जम्बू-फल-चारु-भक्षणम्।
उमासुतं शोकविनाशकारकं
नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥

भावार्थ:
जो हाथी के मुख वाले हैं, सभी देवगण जिनकी सेवा करते हैं, जिन्हें जामुन और कैथा फल प्रिय हैं, जो माता पार्वती के पुत्र हैं — मैं ऐसे विघ्नों का नाश करने वाले गणेश जी के चरणों में प्रणाम करता हूँ।


3.

शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम्।
प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये॥

भावार्थ:
जो सफेद वस्त्र धारण करते हैं, उज्ज्वल चंद्रमा के समान वर्ण वाले हैं, चार भुजाओं वाले हैं, और जिनका चेहरा सदा प्रसन्न रहता है — उन्हें ध्यान करने से सभी विघ्न शांत हो जाते हैं।


4.

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

भावार्थ:
जय हो गणेश देव की, जिनकी माता पार्वती और पिता शिव हैं। वे सभी भक्तों के दुःख हरते हैं और सुख-संपदा प्रदान करते हैं।


 गणेश वंदना के लाभ

  • मानसिक शांति और एकाग्रता में वृद्धि
  • कार्यों में सफलता और विघ्नों का नाश
  • विद्यार्थियों और साधकों के लिए अत्यंत लाभकारी
  • आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा का संचार
  • परिवार में सुख-शांति का वास

 कैसे करें वंदना?

  • सुबह स्नान के बाद स्वच्छ मन से भगवान गणेश का ध्यान करें।
  • दीपक, धूप और प्रसाद अर्पित करें।
  • वंदना का उच्चारण भावपूर्वक करें।
  • मंगलवार, बुधवार या चतुर्थी तिथि को विशेष रूप से प्रभावी माना गया है।

गणेश वंदना केवल एक मंत्र नहीं, बल्कि विश्वास और आशीर्वाद का स्रोत है। यह हर भक्त को यह भरोसा देती है कि भगवान गणेश उसकी रक्षा करेंगे और उसके मार्ग की सभी बाधाओं को दूर करेंगे।

 

 

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