Chandra Grahan 2025: दूसरा चंद्र ग्रहण कब, कहाँ और कैसे दिखेगा?
जानिए 7 सितंबर 2025 को लगने वाले साल के दूसरे चंद्र ग्रहण की तारीख, समय, सूतक काल, भारत में दृश्यता और धार्मिक व ज्योतिषीय प्रभाव। मीन राशि वालों के लिए विशेष सावधानी।

2025 खगोलीय घटनाओं से भरपूर साल रहने वाला है। इस साल दो चंद्र ग्रहण और दो सूर्य ग्रहण होने जा रहे हैं। अब सभी की निगाहें टिकी हैं साल के दूसरे चंद्र ग्रहण पर। आइए इस लेख में जानते हैं कि यह चंद्र ग्रहण कब लगेगा, कहाँ दिखाई देगा, और क्या इसका कोई धार्मिक या ज्योतिषीय प्रभाव भी होगा।
मुख्य बिंदु (Highlights)
- साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को लगेगा।
- यह एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा।
- भारत में यह ग्रहण स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
- सूतक काल मान्य होगा, विशेषकर धार्मिक दृष्टि से।
- यह ग्रहण मीन राशि में घटित होगा।
- ग्रहण का समय: रात 07:30 बजे से 11:33 बजे तक।
चंद्र ग्रहण 2025 की तिथि और समय
घटक |
विवरण |
तिथि |
7 सितंबर 2025 |
प्रकार |
आंशिक (Partial Lunar Eclipse) |
शुरू होने का समय |
रात 07:30 बजे |
ग्रहण मध्य |
रात 09:31 बजे |
समाप्ति का समय |
रात 11:33 बजे |
कुल अवधि |
लगभग 4 घंटे |
कहाँ-कहाँ दिखाई देगा यह चंद्र ग्रहण?
यह आंशिक चंद्र ग्रहण निम्नलिखित क्षेत्रों में दिखाई देगा:
- भारत
- नेपाल
- बांग्लादेश
- श्रीलंका
- पाकिस्तान
- मध्य एशिया के कुछ देश
- यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्से
भारत में यह ग्रहण साफ दिखाई देगा, इसलिए यहाँ धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से इसका प्रभाव मान्य होगा।
क्या सूतक काल मान्य होगा?
हाँ, भारत में यह चंद्र ग्रहण दिखाई देगा, इसलिए सूतक काल मान्य रहेगा।
सूतक काल की जानकारी:
- सूतक प्रारंभ: 7 सितंबर 2025 को दोपहर 11:30 बजे से
- सूतक समाप्त: ग्रहण समाप्ति के बाद यानी रात 11:33 बजे
गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
चंद्र ग्रहण क्या होता है?
चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है और वह आंशिक या पूर्ण रूप से ढक जाता है। यह घटना केवल पूर्णिमा (Purnima) के दिन ही होती है।
7 सितंबर 2025 का ग्रहण: ज्योतिषीय दृष्टिकोण
यह ग्रहण मीन राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में घटित होगा, इसलिए इन राशियों पर विशेष प्रभाव देखा जा सकता है।
जिन राशियों को सावधान रहना चाहिए:
- मीन राशि: मानसिक तनाव संभव, ध्यान और संयम ज़रूरी
- कन्या राशि: स्वास्थ्य पर प्रभाव, दिनचर्या में बदलाव संभव
- धनु राशि: आर्थिक मामलों में सतर्कता आवश्यक
लाभकारी राशियाँ:
- वृषभ, तुला, मकर राशि वालों के लिए ग्रहण काल कुछ शुभ संकेत दे सकता है।
धार्मिक मान्यताएँ और सावधानियाँ
भारतीय संस्कृति में ग्रहण का विशेष महत्व है। खासकर चंद्र ग्रहण को लेकर कुछ धार्मिक नियमों का पालन किया जाता है:
ग्रहण के दौरान क्या करें?
जप, तप, ध्यान, मंत्रोच्चारण करें।
घर के मंदिर में दीपक जलाकर भगवान का ध्यान करें।
गंगाजल का छिड़काव करें।
ग्रहण के दौरान क्या न करें?
भोजन या जल ग्रहण न करें।
सोना, बाल काटना, नाखून काटना वर्जित है।
गर्भवती महिलाएं विशेष सावधानी बरतें – तुलसी पत्ता पेट पर रखें और धारदार चीज़ों से दूर रहें।
ग्रहण के बाद क्या करें?
- स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर के मंदिर और पूरे घर में गंगाजल छिड़कें।
- जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा करें।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से चंद्र ग्रहण
वैज्ञानिक रूप से चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है। यह पूर्णतः प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। आधुनिक विज्ञान इसे देखने और अध्ययन करने की सलाह देता है न कि डरने की।
नोट: वैज्ञानिक दृष्टि से ग्रहण देखने के लिए दूरबीन या फिल्टर्ड लेंस का प्रयोग करें।
चंद्र ग्रहण 2025 की सूची
क्रम |
तिथि |
प्रकार |
भारत में दृश्यता |
14 मार्च 2025 |
पूर्ण चंद्र ग्रहण |
नहीं |
|
7 सितंबर 2025 |
आंशिक चंद्र ग्रहण |
हाँ |
7 सितंबर 2025 को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण भारत के लिए खगोलीय और धार्मिक दोनों ही दृष्टियों से महत्वपूर्ण रहेगा। यह न केवल आंशिक चंद्र ग्रहण है, बल्कि इसे पूरे भारतवर्ष में देखा जा सकेगा। ऐसे में सूतक काल और धार्मिक परंपराओं का पालन करना उचित होगा। ज्योतिषीय दृष्टि से भी यह कुछ राशियों पर विशेष प्रभाव डाल सकता है।
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