भारत में तेजी से बढ़ रहा है बर्गर डिजीज का खतरा: लक्षण, कारण और बचाव के उपाय
बर्गर डिजीज एक गंभीर बीमारी है जो हाथ-पैरों की नसों को प्रभावित करती है। जानें इसके लक्षण, कारण और कैसे समय रहते इससे बचाव किया जा सकता है। खासतौर पर धूम्रपान करने वालों के लिए जरूरी जानकारी।

भारत में बढ़ रहा है बर्गर डिजीज का जोखिम: हाथ-पैर में तेज दर्द हो तो हो जाएं सावधान, जानें लक्षण और बचाव
भारत जैसे देश में जहां धूम्रपान की आदत तेजी से फैल रही है, वहीं एक गंभीर लेकिन कम पहचानी जाने वाली बीमारी तेजी से पैर पसार रही है — बर्गर डिजीज (Buerger’s Disease)। यह एक धमनियों से जुड़ी खतरनाक बीमारी है, जो शरीर के हाथ-पैरों को प्रभावित करती है और समय रहते इलाज न मिलने पर अंगों की क्षति या कटने (Gangrene/Amputation) तक की नौबत ला सकती है।
इस ब्लॉग में जानिए बर्गर डिजीज क्या है, इसके लक्षण, कारण, जोखिम और बचाव के उपाय।
बर्गर डिजीज क्या है?
बर्गर डिजीज, जिसे चिकित्सा भाषा में थ्रोम्बोएंजाइटिस ऑब्लिटेरन्स (Thromboangiitis Obliterans) कहा जाता है, एक रेयर वास्कुलर डिजीज है जिसमें शरीर की छोटी और मंझोली धमनियों में सूजन और ब्लॉकेज हो जाता है।
यह बीमारी मुख्य रूप से धूम्रपान करने वालों में देखी जाती है और हाथ-पैरों की रक्त आपूर्ति को प्रभावित करती है, जिससे तेज दर्द, सुन्नता, छाले और घाव बनने लगते हैं।
किन्हें हो सकता है बर्गर डिजीज?
- अधिकतर 18 से 45 वर्ष के पुरुष जो धूम्रपान या तंबाकू का सेवन करते हैं।
- लंबे समय तक गुटखा, बीड़ी या पान मसाला का सेवन करने वाले।
- कभी-कभी यह बीमारी महिलाओं में भी देखी गई है, खासकर अगर वे भी तंबाकू सेवन करती हैं।
प्रमुख लक्षण (Symptoms)
1. हाथ या पैरों में जलन या तेज दर्द (विशेषकर चलते समय)
2. अंगुलियों का सुन्न पड़ना या नीला पड़ना
3. पैरों में छाले या घाव जो नहीं भरते
4. अंगुलियों का ठंडा या बेजान महसूस होना
5. चलते समय थकान या ऐंठन
6. त्वचा का रंग बदलना
यदि इन लक्षणों में से कोई भी लंबे समय तक महसूस हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
कारण क्या हैं?
बर्गर डिजीज का सबसे बड़ा कारण है तंबाकू का सेवन। निकोटिन और अन्य रसायन रक्त नलिकाओं को संकुचित कर देते हैं और ब्लड फ्लो बाधित हो जाता है। इससे सूजन और थक्का बनने लगता है।
अन्य कारण:
- आनुवांशिक प्रवृत्ति
- ऑटोइम्यून रिएक्शन
- पर्यावरणीय तत्व
इलाज कैसे होता है?
1. धूम्रपान पूरी तरह बंद करना
यह इस बीमारी के इलाज में सबसे बड़ा कदम है। जब तक व्यक्ति तंबाकू सेवन करता है, इलाज बेअसर रहता है।
2. दवाएं:
रक्त संचार बढ़ाने, सूजन कम करने और दर्द राहत के लिए।
3. वेस्कुलर सर्जरी या बायपास:
अगर ब्लॉकेज गंभीर है तो यह विकल्प अपनाया जा सकता है।
4. एम्प्यूटेशन (अंग काटना):
अगर गैंगरीन हो जाए और इलाज देर से शुरू हो, तो अंग काटने की नौबत भी आ सकती है।
बचाव के उपाय
1. धूम्रपान और तंबाकू का तुरंत त्याग करें।
2. नियमित व्यायाम करें – ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
3. स्वस्थ आहार लें – एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन युक्त।
4. ठंडी जगहों में हाथ-पैर ढककर रखें।
5. तनाव कम करें, क्योंकि तनाव भी रक्त नलिकाओं को संकुचित करता है।
6. डॉक्टर से नियमित जांच कराएं यदि आप पूर्व-तंबाकू उपयोगकर्ता हैं।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
डॉक्टरों के अनुसार, भारत में हर साल हजारों केस सामने आते हैं, परन्तु लोगों को जानकारी की कमी के कारण यह बीमारी अक्सर गैंगरीन की स्थिति में पकड़ में आती है।
“अगर मरीज तंबाकू छोड़ दे और इलाज शुरू कर दे, तो इस बीमारी को रोका जा सकता है,”
— डॉ. संदीप मिश्रा, वैस्कुलर सर्जन
बर्गर डिजीज एक साइलेंट किलर की तरह है, जो धीरे-धीरे शरीर के हिस्सों को नुकसान पहुंचाती है। लेकिन इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि यह पूरी तरह रोकी जा सकती है, सिर्फ तंबाकू छोड़ने से।
अगर आपके हाथ-पैरों में बार-बार दर्द, सुन्नता या घाव होते हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। समय रहते जांच और इलाज से जीवन और अंग दोनों बचाए जा सकते हैं।
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