भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस: BJP FOUNDATION DAY
6 अप्रैल को भाजपा अपना स्थापना दिवस मनाती है। जानिए इस खास मौके पर पार्टी के इतिहास, विचारधारा, उपलब्धियों और 2025 में इसकी वर्तमान भूमिका के बारे में।

भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस: एक दृष्टिकोण
प्रस्तावना
6 अप्रैल का दिन भारतीय राजनीति में एक विशेष स्थान रखता है। इसी दिन वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की स्थापना हुई थी। यह दिन न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए गर्व का विषय होता है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की विविधता और मजबूती का भी प्रतीक है।
स्थापना की पृष्ठभूमि
भारतीय जनता पार्टी की नींव भारतीय जनसंघ से जुड़ी है, जिसकी स्थापना डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में की थी। आपातकाल के बाद जब जनता पार्टी का गठन हुआ और बाद में उसमें विचारधारात्मक मतभेद सामने आए, तब जनसंघ से जुड़े नेताओं ने 6 अप्रैल 1980 को भाजपा की स्थापना की। अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी को एक सशक्त वैकल्पिक शक्ति के रूप में उभारा।
पार्टी की विचारधारा और मूल मंत्र
"एक भारत, श्रेष्ठ भारत" के सिद्धांत पर आधारित भाजपा की विचारधारा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, सुशासन, विकास और आत्मनिर्भर भारत की ओर केंद्रित रही है। पार्टी की राजनीति में पारंपरिक भारतीय मूल्यों और आधुनिक सोच का संतुलन देखा जाता है।
भाजपा की विकास यात्रा
भाजपा की यात्रा संघर्ष से सफलता तक की कहानी है। 1984 के चुनाव में मात्र 2 सीटें जीतने वाली पार्टी आज केंद्र सहित अनेक राज्यों में शासन चला रही है। अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं के नेतृत्व में भाजपा ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की छवि को सशक्त रूप से प्रस्तुत किया है।
स्थापना दिवस का महत्व
हर वर्ष 6 अप्रैल को पार्टी के कार्यकर्ता और नेता स्थापना दिवस को जोश और उमंग के साथ मनाते हैं। इस दिन पार्टी के इतिहास, उपलब्धियों और आगामी चुनौतियों पर चर्चा की जाती है। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जनता तक पार्टी के विचारों को पहुँचाया जाता है।
निष्कर्ष
भारतीय जनता पार्टी का स्थापना दिवस केवल एक राजनीतिक आयोजन नहीं, बल्कि विचारों, संकल्पों और सेवाभाव का उत्सव है। यह दिन भारतीय लोकतंत्र में भागीदारी, जिम्मेदारी और विकास की भावना को मजबूत करता है।
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