Bhanu Saptami 2025: भानु सप्तमी पर ऐसे करें सूर्य देव की पूजा, मिलेगी करियर में तरक्की
जानिए भानु सप्तमी 2025 के दिन सूर्य देव को प्रसन्न करने की विधि, मंत्र, पूजन सामग्री और इस दिन के विशेष लाभ – करियर से लेकर स्वास्थ्य तक।

Bhanu Saptami 2025: भानु सप्तमी के दिन सूर्य देव को इस तरह करें प्रसन्न, करियर में होगी तरक्की
सप्तमी तिथि में जब सूर्य देव की पूजा विशेष विधि से की जाती है, तो जीवन के अंधकार दूर हो जाते हैं और व्यक्ति को आत्मबल, तेज, और सफलता प्राप्त होती है। ऐसी ही एक महत्वपूर्ण तिथि है भानु सप्तमी, जिसे "सूर्य सप्तमी" या "रथ सप्तमी" का भी रूप माना जाता है।
भानु शब्द स्वयं सूर्य का पर्याय है, और यह तिथि सूर्य उपासना के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।
2025 में यह पर्व अत्यंत शुभ संयोगों के साथ आने वाला है, जो करियर, स्वास्थ्य और भाग्य से जुड़े कई क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है।
भानु सप्तमी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
- तारीख: 30 मई 2025 (शुक्रवार)
- सप्तमी तिथि प्रारंभ: 29 मई 2025 को रात 09:45 बजे
- सप्तमी तिथि समाप्त: 30 मई 2025 को रात 11:20 बजे
- सूर्य पूजा के लिए शुभ समय: प्रातः 05:30 से 07:30 बजे तक
भानु सप्तमी का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में सूर्य देव को जीवन, ऊर्जा, स्वास्थ्य और आत्मबल का स्रोत माना गया है। भानु सप्तमी के दिन सूर्य देव की पूजा करने से मनुष्य को जीवन में तेज, सफलता और यश प्राप्त होता है। यह दिन खासतौर पर उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है जो:
- करियर में प्रगति चाहते हैं
- शिक्षा और प्रतियोगिता में सफलता चाहते हैं
- सरकारी नौकरी या प्रशासनिक क्षेत्र में कार्यरत हैं
- स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं
पूजा विधि: सूर्य देव को प्रसन्न करने का सरल तरीका
भानु सप्तमी के दिन प्रातःकालीन सूर्य अर्घ्य और मंत्रोच्चार से सूर्य देव को प्रसन्न किया जा सकता है। नीचे बताया गया है सरल पूजा विधि:
सूर्य अर्घ्य विधि:
1. ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें (यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी या जलस्रोत में)।
2. तांबे के लोटे में साफ जल लें और उसमें रोली, अक्षत (चावल), लाल पुष्प, गुड़ और एक चुटकी लाल चंदन मिलाएं।
3. पूर्व दिशा की ओर मुख करके खड़े हों।
4. सूर्य को ध्यान में रखते हुए तीन बार अर्घ्य दें।
5. सूर्य मंत्र का जाप करें:
"ॐ घृणि सूर्याय नमः" (कम से कम 108 बार)
पूजन सामग्री:
- लाल वस्त्र, लाल फूल
- गुड़, गेहूं, लाल फल (अनार, सेब आदि)
- दीपक, धूपबत्ती, तांबे का पात्र
- सूर्य देव का चित्र या प्रतीक
तिल और जल का दान:
तिल, लाल वस्त्र, गुड़ आदि का दान गरीबों को देना पुण्यकारी होता है।
भानु सप्तमी के विशेष लाभ
करियर में उन्नति:
जो लोग नौकरी में प्रमोशन चाहते हैं या अपने व्यापार में प्रगति चाहते हैं, उन्हें इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने के साथ-साथ सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।
स्वास्थ्य लाभ:
भानु सप्तमी को "आरोग्य दिवस" भी माना जाता है। सूर्य की किरणों से स्नान करना और सूर्य नमस्कार करना शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है। त्वचा रोग, हड्डी के दर्द और मानसिक तनाव में भी राहत मिलती है।
आत्मविश्वास और तेज में वृद्धि:
सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है। इस दिन की उपासना से आत्मबल बढ़ता है और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार आता है।
विद्यार्थियों के लिए लाभकारी:
पढ़ाई में मन नहीं लग रहा हो या प्रतियोगिता परीक्षाओं में सफलता चाहिए, तो इस दिन सूर्य मंत्र का जाप करें और सूर्य को जल अर्पित करें।
भानु सप्तमी से जुड़ी पौराणिक कथा
एक कथा के अनुसार एक ब्राह्मण कन्या ने व्रत एवं सूर्य उपासना द्वारा अपने पूर्व जन्मों के पापों का क्षय किया और अगली जन्म में उसे राजा की रानी बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सूर्य देव की कृपा से वह सौभाग्यवती और पुण्यवती बनी।
इसलिए, यह माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है।
भानु सप्तमी और ज्योतिषीय लाभ
सूर्य को नवग्रहों में राजा की उपाधि दी गई है। अगर आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है या सरकारी कार्यों में बाधा आ रही है, तो भानु सप्तमी के दिन यह उपाय करें:
- तांबे का सूर्य यंत्र स्थापित करें।
- रविवार से प्रारंभ कर 7 दिन "ॐ आदित्याय नमः" मंत्र का जाप करें।
- सूर्य ग्रह के लिए लाल चंदन, गेहूं, गुड़ और तांबे का दान करें।
क्या करें और क्या न करें
क्या करें:
- ब्रह्ममुहूर्त में उठें और सूर्य को अर्घ्य दें
- सूर्य मंत्रों का जाप करें
- सात्विक भोजन करें और संयम रखें
- सूर्य के प्रतीक रंग (लाल, सुनहरा, केसरिया) पहनें
क्या न करें:
- तामसिक भोजन (मांस, शराब आदि) से दूर रहें
- अपशब्द, क्रोध और आलस्य से बचें
- सूर्य की दिशा में मल-मूत्र का त्याग न करें
भानु सप्तमी — तेज, तप और तरक्की का पर्व
भानु सप्तमी 2025 एक ऐसा दिन है जब आप अपने जीवन में उजाला, ऊर्जा और उत्साह ला सकते हैं।
सूर्य उपासना से ना सिर्फ करियर में तरक्की मिलती है, बल्कि आत्मविश्वास, स्वास्थ्य और भाग्य भी प्रबल होता है।
यदि आप जीवन में किसी भी तरह की ठहराव या रुकावट महसूस कर रहे हैं, तो इस बार भानु सप्तमी के दिन उठाइए आध्यात्मिक कदम — और देखिए सूर्य देव की कृपा से जीवन कैसे बदलता है।
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