मेड इन इंडिया टैबलेट पर खड़े हुए अश्विनी वैष्णव, बोले- नहीं टूटेगा!

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव मेड इन इंडिया टैबलेट पर खड़े हो गए और कहा- "ये नहीं टूटेगा!" जानिए इस टैबलेट की खासियत, इसकी मजबूती और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में क्या है इसका महत्व।

मेड इन इंडिया टैबलेट पर खड़े हुए अश्विनी वैष्णव, बोले- नहीं टूटेगा!

 

भारत में तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। केंद्रीय आईटी और रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव हाल ही में एक कार्यक्रम में पहुंचे, जहां उन्होंने भारत में बने एक टैबलेट की मजबूती को दर्शाने के लिए उस पर खड़े होकर लोगों को चौंका दिया। इस प्रतीकात्मक प्रदर्शन के साथ उन्होंने एक बड़ा संदेश दिया – "मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स अब किसी भी तरह से विदेशी उत्पादों से कम नहीं हैं।"

यह घटना केवल एक टैबलेट की ताकत दिखाने तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसके माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के विज़न, स्वदेशी तकनीक के विकास और भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण की प्रगति को सामने लाया गया।


घटना का विवरण

यह कार्यक्रम दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया गया था, जहां भारत में निर्मित टैबलेट्स की एक नई सीरीज को प्रदर्शित किया जा रहा था। जैसे ही मंच पर अश्विनी वैष्णव पहुंचे, उन्होंने हाथ में एक टैबलेट उठाया, उसे नीचे रखा और बिना किसी हिचकिचाहट के उसी टैबलेट पर खड़े हो गए।

पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा, और मंत्री जी ने मुस्कुराते हुए कहा:

"ये मेड इन इंडिया टैबलेट है, मजबूत है, टिकाऊ है, और ये नहीं टूटेगा।"


क्या खास है इस मेड इन इंडिया टैबलेट में?

इस टैबलेट को भारत की एक प्रमुख टेक कंपनी ने "Make in India" मिशन के तहत विकसित किया है। इसकी खासियतें हैं:

  • मजबूत बॉडी (Rugged Design): यह टैबलेट खास तौर पर स्कूलों, सरकारी दफ्तरों और ग्रामीण इलाकों के लिए तैयार किया गया है, जहां डिवाइस को थोड़ा खुरदरे उपयोग का सामना करना पड़ता है।
  • लंबी बैटरी लाइफ: एक बार चार्ज करने पर 10 से 12 घंटे तक चलने वाला बैकअप।
  • बजट फ्रेंडली: इसकी कीमत 10,000 रुपये से कम रखी गई है, जिससे यह छात्रों और सरकारी परियोजनाओं के लिए किफायती है।
  • लोकल हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर: टैबलेट के कई हिस्से भारत में निर्मित हैं, और इसका ओएस भी स्वदेशी रूप से कस्टमाइज किया गया है।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूत कदम

इस टैबलेट का प्रदर्शन आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक बेहतरीन उदाहरण है। भारत सरकार ने 2020 में कोरोना महामारी के बाद आत्मनिर्भर भारत की घोषणा की थी, जिसके तहत तकनीकी उपकरणों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

अश्विनी वैष्णव ने मंच से कहा:

"हम अब केवल टेक्नोलॉजी के उपभोक्ता नहीं हैं, बल्कि निर्माता बन रहे हैं। भारत का लक्ष्य केवल सस्ता बनाना नहीं है, बल्कि टिकाऊ और गुणवत्तापूर्ण टेक्नोलॉजी तैयार करना है।"


भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण का भविष्य

भारत दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल उपभोक्ता देशों में से एक है, लेकिन एक समय था जब लगभग सारे डिवाइस आयात किए जाते थे। लेकिन अब, PLI (Production Linked Incentive) योजना के तहत देश में सैकड़ों फैक्ट्रियां स्थापित हो चुकी हैं, जहां:

  • स्मार्टफोन
  • टैबलेट
  • लैपटॉप
  • चिपसेट और मदरबोर्ड

जैसे उत्पाद घरेलू स्तर पर बनाए जा रहे हैं।

सिर्फ 2023-24 में भारत ने 12 बिलियन डॉलर से अधिक के मोबाइल फोन एक्सपोर्ट किए, जो अब तक का रिकॉर्ड है।


शिक्षा और सरकारी परियोजनाओं में इन टैबलेट्स का उपयोग

सरकार का लक्ष्य है कि इन मेड इन इंडिया टैबलेट्स को:

  • सरकारी स्कूलों में छात्रों को वितरित किया जाए
  • डिजिटल इंडिया मिशन के तहत ग्रामीण इलाकों में डिजिटल पहुंच बढ़ाई जाए
  • स्वास्थ्य सेवाओं, पंचायत कार्यालयों और जन सेवा केंद्रों में इनका उपयोग किया जाए

यह न केवल डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय निर्माण को भी प्रोत्साहित करेगा।


सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल

मंच पर अश्विनी वैष्णव द्वारा टैबलेट पर खड़े होने का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर हजारों लोगों ने इसे शेयर किया और तारीफ की। कुछ लोगों ने लिखा:

  • "अब यह है असली Made in India पावर!"
  • "सरकार की सोच सही दिशा में जा रही है, टिकाऊ तकनीक की आज सख्त जरूरत है।"

क्या यह विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धा करेगा?

तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत अपने स्वदेशी उत्पादों की गुणवत्ता और सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान देता है, तो आने वाले वर्षों में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में चीन और दक्षिण कोरिया को चुनौती दे सकता है।

हालांकि, इसके लिए जरूरी है:

  • मजबूत सप्लाई चेन
  • स्थानीय स्किल डेवलपमेंट
  • आरएंडडी में निवेश
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर की ब्रांडिंग और पैकेजिंग

अश्विनी वैष्णव का मेड इन इंडिया टैबलेट पर खड़ा होना केवल एक स्टंट नहीं, बल्कि एक सशक्त संदेश था। यह दर्शाता है कि भारत अब सिर्फ टेक्नोलॉजी लेने वाला देश नहीं, बल्कि देने वाला देश बन रहा है।

"नहीं टूटेगा" केवल टैबलेट की मजबूती का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह भारत के आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और तकनीकी भविष्य का उद्घोष है।!

 

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