अनंत अंबानी ने बचाई 250 मुर्गियों की जान – जानिए पूरी कहानी
अपने 30वें जन्मदिन की पदयात्रा के दौरान अनंत अंबानी ने एक अनोखा और भावुक कदम उठाते हुए 250 मुर्गियों को बूचड़खाने जाने से बचा लिया। जानिए कैसे उन्होंने इन जीवों के लिए करुणा दिखाई और उन्हें वन्यजीव संरक्षण केंद्र भेजा।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के पुत्र अनंत अंबानी ने अपने 30वें जन्मदिन से पूर्व जामनगर से द्वारका तक 140 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू की है। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया, जो उनके पशु-प्रेम और दयालुता को दर्शाता है।
यात्रा के दौरान, अनंत अंबानी ने देखा कि एक ट्रक में लगभग 250 मुर्गियों को बूचड़खाने ले जाया जा रहा था। यह दृश्य देखकर उन्होंने तुरंत उस ट्रक को रुकवाया और ड्राइवर से बातचीत की। उन्होंने इन मुर्गियों को दोगुनी कीमत पर खरीद लिया और घोषणा की कि अब वे इन मुर्गियों की देखभाल करेंगे। इस दौरान, अनंत अंबानी ने एक मुर्गी को हाथ में उठाकर "जय द्वारकाधीश" का नारा भी लगाया।
अनंत अंबानी की इस दयालुता का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें लोग उनकी सराहना कर रहे हैं। यह घटना उनके पशु-प्रेम और जीवों के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाती है। उन्होंने इन मुर्गियों को अपने वन्यजीव संरक्षण केंद्र "वनतारा" भेज दिया है, जहां उनकी उचित देखभाल की जाएगी।
अनंत अंबानी की पदयात्रा 28 मार्च को जामनगर के मोती खावड़ी से शुरू हुई थी और वे रोजाना लगभग 10-12 किलोमीटर की यात्रा कर रहे हैं। यात्रा के दौरान, वे प्रमुख मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं और भगवान द्वारकाधीश का आशीर्वाद ले रहे हैं। उनका उद्देश्य 10 अप्रैल को द्वारका पहुंचकर अपना 30वां जन्मदिन मनाना है।
अनंत अंबानी का वन्यजीवों के प्रति प्रेम और संरक्षण के प्रति समर्पण उनके "वनतारा" प्रोजेक्ट के माध्यम से भी स्पष्ट होता है, जिसने अब तक 1.5 लाख से अधिक जीवों को बचाया है। हाल ही में, केंद्र सरकार ने उन्हें पशु कल्याण के लिए "प्राणी मित्र राष्ट्रीय पुरस्कार" से भी सम्मानित किया है।
इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि अनंत अंबानी न केवल एक सफल व्यवसायी परिवार से हैं, बल्कि उनके हृदय में जीवों के प्रति गहरी संवेदनशीलता और दयालुता भी है। उनका यह कदम समाज में पशु-प्रेम और संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।
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